
असली खुशी मोबाइल में नहीं, बल्कि परिवार, दोस्तों और प्रकृति के साथ

मोबाइल का जादू और चतुर राजू
राजू एक होशियार और प्यारा बच्चा था, लेकिन उसे मोबाइल फोन का बहुत ज्यादा शौक था। वह हर समय गेम खेलता, वीडियो देखता और सोशल मीडिया पर समय बिताता। धीरे-धीरे उसकी पढ़ाई में मन नहीं लगता, आँखें कमजोर होने लगीं, और वह दोस्तों के साथ खेलना भी भूल गया।
जादुई सपना
एक रात, जब राजू मोबाइल चलाते-चलाते सो गया, तो उसने एक अजीब सपना देखा। उसने देखा कि उसका मोबाइल एक विशाल राक्षस में बदल गया है। वह हँसते हुए बोला, “मैं तुम्हारी सारी ताकत चूस लूँगा! मैं तुम्हें कमजोर और बीमार बना दूँगा, ताकि तुम कभी सफल न हो पाओ!”
राजू डरकर बोला, “नहीं, ऐसा मत करो!”
राक्षस हँसा और बोला, “अगर तुम मुझसे दूर नहीं गए, तो मैं तुम्हें अपने जाल में फँसा लूँगा!”
परिवर्तन की शुरुआत
तभी राजू को अपनी माँ की बातें याद आईं, “बेटा, मोबाइल का सही इस्तेमाल करो, लेकिन इसकी लत मत लगाओ। असली दुनिया मोबाइल की स्क्रीन से बाहर है!”
राजू को एहसास हुआ कि वह कितना गलत कर रहा था। उसने सोचा, “अगर मैं मोबाइल कम इस्तेमाल करूँ, तो पढ़ाई में अच्छा कर सकता हूँ, खेल सकता हूँ और असली खुशियाँ पा सकता हूँ!”
अचानक, वह सपना टूट गया। सुबह होते ही राजू ने फैसला किया कि वह मोबाइल का सही इस्तेमाल करेगा—केवल पढ़ाई और ज़रूरी कामों के लिए। उसने ज्यादा समय खेलने, किताबें पढ़ने और परिवार के साथ बिताने का निश्चय किया।
धीरे-धीरे राजू की आदतें बदल गईं। उसकी पढ़ाई में सुधार हुआ, वह ज्यादा खुश रहने लगा और उसकी आँखों की रोशनी भी ठीक हो गई।
शिक्षा:
मोबाइल का सही उपयोग करना ज़रूरी है, लेकिन इसकी लत हमारे भविष्य को बर्बाद कर सकती है। असली खुशी मोबाइल में नहीं, बल्कि परिवार, दोस्तों और प्रकृति के साथ बिताए गए समय में होती है।