मनेन्द्रगढ़ -बीते दिवस केंद्रीय चिकित्सालय मनेन्द्रगढ़ में सिकल सेल बीमारी के लक्षण और रोकथाम के लिऐ लोगो में जागरूकता लाने संगोष्ठी का आयोजन किया गया

डॉक्टर संजय सिंह ( मुख्य चिकित्सा अधिकारी) की अध्यक्षता में सिकल सेल डिजीज के लिए लोगो को जागरूक करने के लिऐ एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया

यह एक अनुवांशिक बीमारी है

डॉ लवलेश गुप्ता और डॉ सुमन पाल ने संबोधन में बताया  सिकल सेल डिजीज एक अनुवांशिक बीमारी है वर्तमान में जिसकी रोकथाम एवं आगे की पीढ़ी में प्रवाह रोकना  एक महत्वपूर्ण कदम है सिकल सेल बीमारी माता-पिता से बच्चों में वंशानुगत आती हैl

सिकल सेल डिजीज के लक्षण

इसमे लाल रक्त कणिकाएं हसिये के आकार की हो जाती है जिससे खून की नालियों में उनका प्रवाह प्रभावित होता है l इसमें खून की कमी होना, कमजोरी ,पीलिया, शरीर में तीव्र दर्द होना ,न सूखने वाला घाव होना मुख्य लक्षण हैं l

इलाज से लाभ हो सकता है, लेकिन इसे ठीक नहीं किया जा सकता

यह बीमारी हो जाने पर इसे ठीक नहीं किया जा सकता केवल लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है उपचार गंभीरता पर निर्भर करता है
इसके इलाज में, दवाएं और शरीर में खून चढ़ाना शामिल है। कभी-कभी बोन-मैरो ट्रांसप्लांट भी किया जाता है

सिकल सेल का पीढ़ी दर पीढ़ी प्रवाह,, इसे रोका जा सकता है

सिकल सेल रोग परिवारों में पीढ़ी दर पीढ़ी फैलता है। ऐसा कह सकते है सिकल सेल रोग पीड़ित को उनके माता-पिता से मिले जीन के कारण होता है।इस बीमारी में एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में प्रवाह को रोकने के लिऐ शादी के पहले मेडिकल कुंडली का मिलान करना जरूरी हैl बोन मैरो ट्रांसप्लांटेशन इसका एक प्रभावी इलाज है पर यह इलाज बहुत ही महंगा है एवं कई बार यह सफल भी नहीं होता अतः इस इस बीमारी की रोकथाम ही इसका प्रभावी इलाज है सरकार द्वारा इस बीमारी के लिए किए जा रहे विभिन्न प्रयासों के बारे में भी विस्तार से बताया गया

डॉक्टर संजय कुमार ने आभार व्यक्त किया l  इस संगोष्ठी में चिकित्सालय के समस्त चिकित्सक नर्स अन्य स्टाफ एवं  मरीज एवं उनके परिजन उपस्थित रहे l

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