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मनेन्द्रगढ़/लोकसंचेतना फाउंडेशन की मनेन्द्रगढ़ इकाई के द्वारा गंगा प्रसाद मिश्र के निवास पर कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया वरिष्ठ साहित्यकार व्यंगकारो ने वर्तमान युग में मनुष्य के साथ समाज में हो रहे परिवर्तन की व्याख्या करते हुए समाज के लिए दर्पण दर्शाया

विगत दिवस लोकसंचेतना फाउंडेशन मनेन्द्रगढ़ इकाई के द्वारा गंगा प्रसाद मिश्र के निवास पर आयोजित कवि गोष्ठी में अपनी कविता पढ़ते हुए नगर के फोटोग्राफर मृत्युन्जय सोनी ने कार्यक्रम का आरंभ किया
इसी क्रम में क्षेत्र के वरिष्ठ साहित्यकार गंगा प्रसाद मिश्र ने वर्तमान में बदलते आदमी पर अपनी रचना में कहा “आज ऐसी बदल गई है,चाल आदमी की/आदमी की जाती को लजाए रहा आदमी”

कार्यक्रम का माहौल बदलते हुए सुपरिचित व्यंग्यकार, कार्टूनिस्ट जगदीश पाठक ने अपने व्यंग्य सुनाते हुए आदमी के दोगलेपन पर तीखा प्रहार किया

नगर के गजलकार एसएस निगम ने अपनी गजल में कहा “नाज उस पर हमेशा मेरा रहा,ये राज उसको बताना नहीं/आज कुछ भी नहीं बचा पास मेंरे , मगर आज मांगने का जमाना नहीं”

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बालकृष्ण गौतम ने बालिका भ्रूणहत्या पर मार्मिक कविता पढ़ते हुए कहा “मत मारो मुझे न बोझ बनूं /घर को खुशहाल बनाउंगी,सुख सागर में चादर बिछाउंगी ,कचरा अरु धूर बुहारुंगी,घर ही सर क्षीर बनाऊंगी”

नगर से राजधानी तक के गौरव क्षेत्र के युवा कवि गौरव अग्रवाल ने कहा ” कुछ तो बोलो हे धर्मराज/कैसे मौन खड़े हो तुम, कण-कण से क्या सीखा तुमने/जिस रण में इतने लोग मरे ,इस रण से क्या सीखा तुमने “

इसी कड़ी में नगर के साहित्यकार नारायण प्रसाद तिवारी ने अपनी कविता पढ़ते हुए कहा “प्याज गरीबों की थाली से रुठ गई है/प्याज फाइव स्टार की चहेती बन गई है”

वन्देमातरम गीत के सम्मान के साथ आयोजन का समापन किया गया
साहित्यकारों की व्याख्या के अवसर पर बालकृष्ण गौतम, गंगा प्रसाद मिश्र, गौरव अग्रवाल, नारायण तिवारी, मृत्युन्जय सोनी, विजय गुप्ता, जगदीश पाठक, एसएस निगम उपस्थिति रहे

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