राकेश मेघानी एम सी बी /कोरिया

सर्वधर्म समभाव और वसुधैव कुटुम्बकम धर्म निरपेक्षता की शिक्षा देती है, प्रबल स्त्री फाउंडेशन भी सनातन संस्कृति का अनुशरण करता है

मनेंद्रगढ़ -सिंधी समाज के आराध्य झूलेलाल और बरहाना साहब की रैली का स्वागत करते हुए प्रबल स्त्री फाउंडेशन की उपाध्यक्ष शीला सिंह ने कहा प्रबल स्त्री फाउंडेशन पिछले दो साल से नगर की विभिन्न समस्याओं पर आन्दोलन, हस्तक्षेप तो करता ही है साथ ही नगर के सभी धार्मिक आयोजनों में सहभागिता करता है. महिलाओं ने रैली का स्वागत भव्य पुष्प वर्षा से किया,
श्रीमती सिंह ने बताया कि नवरात्र के प्रारंभ से ही हमारी संस्था की सदस्य प्रभाव फेरी में सहभागिता कर रही हैं, शहर मे होने वाले हर धर्म जागरण के हर कार्यक्रम मे सबसे पहले खड़े रहेंगे
सिंधी समाज से राजेश मंगतानी जी ने प्रबल स्त्री फाऊंडेशन का आभार व्यक्त किया,
इस स्वागत कार्यक्रम में प्रबल स्त्री फाउंडेशन की अध्यक्ष डा.रश्मि सोनकर, उपाध्यक्ष शीला सिंह, ज्योति, प्रतिमा प्रसाद, नीलिमा श्रीवास्तव, ममता नामदेव, पूजा पटेल,अनीता मिश्रा, मालती अग्रवाल, गंगा ताम्रकार, आरती शिवहरे, उमा सिंह, आकाश दुआ, रवि सिंह, हिमांशु श्रीवास्तव, विवेक तिवारी, साहित्यकार सतीश उपाध्याय, योग प्रशिक्षक विवेक तिवारी, गौरव मिश्रा, मृत्युन्जय सोनी उपस्थित रहे

राकेश मेघानी की कलम से

वर्तमान भारत की राजनीति हिन्दु और मुसलमानों को आपस में बांटकर सत्ता का सुख भोगने में कुशल है। ये बांटने वाले लोग कौन हैं किसी को नही पता , इतिहास और कहानियों में क्या लिखा जाता है आप गौर करेंगे तो पता चलेगा वही लिखा जाता है जो ‘विजयी’ लिखवाता है। हम हार गए हैं। अपने हीभाइयों के बीच हम लोग अपनो से हार गए है। हमें किसी तुर्क, ईरानी, अरबी, पुर्तगाली, फ्रांसिस या अंग्रेजों ने नहीं अपने ही कुछ लोगो ने हराया है।भारत में आए दिन संघर्ष होता रहता है, लेकिन भारतीय मुसलमान, हिन्दू और अन्य यह नहीं जानते हैं कि यह सब आखिर क्यों हो रहा है। धर्म के लिए, राज्य के लिए या किसी और उद्देश्य के लिए। यदि भारतीय मुसलमान और हिन्दू अपने देश का पिछले 1000 वर्षों के इतिहास का गहन अध्ययन करें तो शायद पता चलेगा कि हम क्या थे और अब क्या हो गए

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