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महिला दिवस पर पढ़िए देश के सबसे अधिक नक्सल प्रभावित और कम साक्षर जिले से आईएएस बनने वाली नम्रता जैन की कहानी
नम्रता सिंह बस्तर संभाग की पहली महिला है जिसने यूपीएससी परीक्षा पास कर इस मुकाम को हासिल किया
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राकेश मेघानी एम सी बी कोरिया
कोरिया – नम्रता जैन को बचपन से ही महिला अफसर बनने की चाह रही , बचपन में जब नक्सलियों को बस्तर के गीदम थाने पर चारों तरफ घेर कर गोलियां चलाते देखा तो नम्रता के मन में एक सवाल उठा ..क्या नक्सली अपनी विचारधारा को नहीं छोड़ सकते ? और उस सवाल का जवाब उसे कुछ इस तरह मिला … अगर लोगों की सोच को बदलना है तो समाज में बदलाव करना होगा और समाज में बदलाव करने के लिए प्रशासनिक शक्ति का होना जरूरी है। तब नम्रता ने आई ए एस बनने की ठान ली और अपने सपने को पूरा करने के लिए बड़ी मेहनत की। पहली बार सिविल सेवा की परीक्षा में असफलता हाथ लगी, दूसरे प्रयास में पहले रैंक में आईपीएस चुनी गई पर नम्रता के मन में तो कुछ और ही चल रहा था ट्रेनिंग के दौरान उसने फिर से यूपीएससी की परीक्षा दी और इस बार वह आईएएस बनने में कामयाब हो गई। आज नम्रता कोरिया जिले में जिला पंचायत सीईओ के पद पर पदस्थ है। नम्रता के परिवार में कोई भी शासकीय सेवा में नही है। व्यवसायी परिवार से होने के बावजूद उसने सिविल सेवा का चुनाव किया और समाज में बदलाव लाने के लिए प्रशासनिक सेवा में कई ऐसे कार्य किए जिसमें आम लोगों को फायदा मिला इसके साथ महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने की राह भी मिली।
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गीदम निवासी पिता व्यवसाई और माँ गृहणी ,जहाँ अच्छा स्कूल नही था बावजूद आईएएस बनी नम्रता
नम्रता बस्तर के गीदम क्षेत्र से है पिता जे सी जैन व्यवसायी है और माँ किरण जैन गृहणी है। गीदम में कोई अच्छा स्कूल नही था इस कारण नम्रता को प्रारंभिक शिक्षा अर्जित करने के लिए 8 किमी दूर करली के निर्मल निकेतन स्कूल में रोजाना पढ़ने जाती थी वहां 10 तक ही स्कूल था इस कारण 10 वी तक कि शिक्षा अर्जित करने के बाद घर वाले बाहर पढ़ने नही भेज रहे थे तब माँ ने नम्रता की पढ़ाई बाहर करवाने के लिए घर वालो को मनाया यहां से नम्रता ने 12 वी व इंजीनियरिंग की शिक्षा ग्रहण की।
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कोरिया जिला में पंचायत सीईओ के रूप में प्रशासनिक सेवा दे रही है नम्रता जैन
नम्रता जैन वर्तमान में कोरिया जिला पंचायत सीईओ है। नम्रता जैन विभागीय दौरे पर जाती रहती है जहां वह समूह की महिलाओ और मजदूरी करने वाली महिलाओं के साथ जमीन पर बैठकर कार्य और योजना के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है ग्रामीण क्षेत्रों में इस महिला अधिकारी के लिए ऐसा सुनने को मिलता है ऐसी अधिकारी होनी चाहिए जो हमारे साथ बैठती है हमारी बातों को सुनती है समय देती है
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टीबी
मरीज
को
गोद
लेकर
किया
एक
प्रयास,,कोरिया
जिले को
2023
तक
टीबी
मुक्त
बनाने
के
उद्देश्य
टीबी मुक्त देश करने के लिए एक प्रयास की शुरुआत की जिसमें एक टीबी मरीज को गोद लेकर टीबी मुक्त भारत के सपने को साकार करने की बात कही .
जिले को 2023 तक टीबी मुक्त बनाने के उद्देश्य से जिला पंचायत सीईओ नम्रता जैन ने एक पहल करते हुए एक टीबी मरीज को सहभागिता के रूप में पोषण आहार किट देने का सहयोग बताया जिसमें इनका उद्देश्य सामाजिक योगदान के जरिए टीबी के उपचार में मदद करना है. विकासखंडों, शहरों और वार्ड को टीबी मरीजों को गोद लेने के लिए प्रेरित करना है ताकि मरीज टीबी की जांच, उपचार, पोषण और आहार के प्रति अधिक जागरूक हो और मदद सरलता तक पहुंच पाए.
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सामान्य और सादगी से विवाह कर समाज को दिया एक संदेश
छत्तीसगढ़ के 2019 बैच की आईएएस अफसर नम्रता जैन की शादी काफी दिनों तक चर्चा में रही आज भी जब कही चर्चा होती हैं की एक महिला ऑफीसर ने सादगी बिना फिजूलखर्ची से विवाह किया हैं। तो नम्रता जैन का नाम आता है आईएएस नम्रता जैन ने महासमुंद कोर्ट में अपने मित्र और ट्रेनी (सहयोगी ) आईपीएस अशोक कुमार रखेचा के साथ समान्य और सादगी से विवाह किया है। शादी में कलेक्ट्रेट बना मंडप और प्रशासनिक अधिकारी बाराती के रूप में नजर आए। दोनों अधिकारियों ने लोगों को संदेश देते हुए खर्चीली शादी से परहेज किया और अपने अपने परिवार की मौजूदगी में कोर्ट में रजिस्टर्ड शादी की।
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नम्रता जैन ने कैसे पाया मुकाम अपने जीवन के बारे में बताया
नम्रता जैन बताती है 2015 में पहली बार यू पी एस सी में पहला प्रयास जिसमें सफलता नही मिली थी। 2016 में फिर दुबारा प्रयास किया और परीक्षा में 99 रैंक हासिल हुई और आईपीएस में 1 रैंक पर रही। लेकिन इस बार आईएएस नहीं मध्य प्रदेश कैडर की आईपीएस बनी थीं। बचपन से आईएएस बनने का सपना देखा था। हैदराबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल नेशनल पुलिस अकैडमी में ट्रेनिंग करती थीं, तब ट्रेनिंग के साथ यूपीएससी की तैयारी भी करती थीं। 2018 में तीसरी बार यूपीएससी का एग्जाम दिया और 12 वी रैंक मिली टॉप 5 आईएएस में जगह बनाई,