अम्बिकापुर –पुलिस महानिरीक्षक सरगुजा रेंज राम गोपाल गर्ग द्वारा रेंज के जिला अभियोजन अधिकारी/लोक अभियोजन अधिकारियों की दोष मुक्ति प्रकरणों के संबंध में समीक्षा बैठक आयोजित की गई। समीक्षा बैठक में न्यायालय द्वारा अधिकांश प्रकरणों में आरोपियों के दोष मुक्ति होने के कारणों के संबंध में विस्तृत समीक्षा की गई। आयोजित बैठक में आईजी राम गोपाल गर्ग द्वारा कहा गया कि किसी भी मामलों में प्रकरणों के विवेचकों द्वारा विवेचना में किए जाने वाले त्रुटियों को दूर करने हेतु एवं भौतिक साक्ष्यों को सावधानी से एकत्र करने हेतु अभियोजन अधिकारियों ने सुझाव दिए। Hostile हो रहे प्रार्थी एवं गवाहों को उनके द्वारा दिये गए अभिमत/कथन पर कायम रहने हेतु विवेचकों को प्रकरण के प्रार्थियों के साथ लगातार सम्पर्क में रहने हेतु निर्देशित किये। जिससे की प्रकरण के प्रार्थी एवं गवाह अपने कथन को न्यायालय में निर्भीक एवं स्वतंत्र रूप से दे सके जिसके फलस्वरूप आरोपी न्यायालय से विचारणों उपरांत दोष सिद्ध हो सके एवं अपराधी द्वारा उसके किए गए अपराध की समुचित सजा मिल सके।

IG ने यह भी निर्देशित किया के जिन प्रकरणों में FIR करवाने वाले प्रार्थी, जिनका न्यालयाय में 164 CrPC के अंर्तगत कथन लिया गया है, वो अगर न्यालयाल में trial के दौरान hostile होते हैं तो उनके विरुद्ध धारा 182/211 आईपीसी के अंतर्गत कार्यवाही किए जानी की संभावना देखी जाए। समीक्षा बैठक के दौरान रेंज के जिला सरगुजा व सूरजपुर से आये जिला अभियोजन अधिकारी एवं पुलिस अनुविभागीय अधिकारी सरगुजा मानिक राम कश्यप, एस.एस पैकरा, सूरजपुर प्रकाश सोनी रीडर सुभाष ठाकुर मौजूद रहे।

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