मनेंद्रगढ़ में साहित्यकारों के सम्मान में दो दिवसीय राष्ट्रीय सूत्र सम्मान समारोह आयोजन किया गया जिसमें भारत देश के अलग अलग राज्यों से 60 साहित्यकार शामिल हुए ……

मनेंद्रगढ़, राष्ट्रीय सूत्र साहित्य सम्मान 20 नवंबर को जगदलपुर साहित्य संस्थान एवं मनेंद्रगढ़ संबोधन साहित्य एवं कला विकास संस्थान के संयुक्त तत्वाधान में राजस्थान भवन मनेंद्रगढ़ में किया गया.

देशभर के लगभग 60 साहित्यकार को एक सूत्र में एक मंच पर लाने के लिए सम्मान

सम्मान समारोह के इस अवसर पर सूत्र सम्मान के संयोजक विजय सिंह ने अंचल के साहित्यकारों के मध्य सूत्र सम्मान प्राप्त करने वाले दोनों साहित्यकारों को अपनी बधाई देते हुए इस अवसर वर्ष 2022 के सूत्र सम्मान के लिए वरिष्ठ साहित्यकार संजय अलंग का नाम घोषित किया, जिसका उपस्थित साहित्यकारों ने स्वागत किया. उन्होंने कहा हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि यह घोषणा सरगुजा संभाग के मनेंद्रगढ़ में हुई है । संजय अलंग एक वरिष्ठ साहित्यकार के साथ-साथ वर्तमान में बिलासपुर एवं सरगुजा संभाग के कमिश्नर है

  गिरीश पंकज मनेंद्रगढ़ माटी के साहित्यकार है जो मनेंद्रगढ़ के लिए एक सम्मान ..…..

सम्मान समारोह के मुख्य अतिथि की आसंदी से वक्तव्य देते हुए सौ.से ज्यादा पुस्तकों के लेखक एवं भारतीय संसद द्वारा सम्मानित मनेंद्रगढ़ माटी के साहित्यकार गिरीश पंकज ने कहा कि सूत्र सम्मान साहित्य के सृजन में संलग्न लेखकों और साहित्यकारों की साधना का परिणाम है जो लेखकों को अपनी लेखनी के बल पर किसी ऊंचाई तक पहुंचने के लिए प्रेरित करती रहती है ,उन्होंने विजय सिंह द्वारा घोषित वर्ष 2022 के सूत्र सम्मान के लिए वरिष्ठ साहित्यकार संजय अलंग के नाम की घोषणा पर खुशी व्यक्त करते हुए इसे देश के साहित्यकारों की भावना की अभिव्यक्ति निरूपित किया.

भारत के अलग अलग राज्यों से आए साहित्यकारो का मनेंद्रगढ़ में हुआ सम्मान ……

संबोधन संस्था के अध्यक्ष वीरेंद्र कुमार श्रीवास्तव के द्वारा साहित्यकारों को शुभकामनाएं देते हुए बिहार, पश्चिम बंगाल, राजस्थान एवं छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध साहित्यकारो को इस समारोह मे शामिल होने के लिए नगर के विद्वान साथियों की ओर से बधाई दी. उन्होने बिहार बक्सर से आए कुमार शंभू शरण, राजीव कुमार, बिलासपुर के दलजीत सिंह कालरा, श्रीमती किरण गहरवार, राजस्थान, जोधपुर के सूर्य प्रकाश जीनगर ,जगदलपुर से विजय सिंह एवं सरिता सिंह, कवर्धा के अजय चंद्रवंशी, नरेंद्र कुल मित्र, धमतरी के माझी अनंत, डोमन लाल ध्रुव, कोरबा के भास्कर चौधरी एवं कोलकाता शांतिनिकेतन से सुप्रसिद्ध शिल्पकार नवारून तालुकदार बैकुंठपुर के योगेश गुप्ता रूद्र नारायण मिश्र, आत्मानंद विद्यालय बैकुंठपुर के प्राचार्य श्री राजीव लोचन त्रिपाठी, सूरजपुर के सहायक प्रोफेसर बृजलाल साहू, झगड़ा खांड से अनामिका चक्रवर्ती, वीरांगना श्रीवास्तव, श्रीनगर सुरजपुर से रमेश गुप्ता, सहा.प्रो. बृजलाल साहू, मनेंद्रगढ़ से विजय गुप्ता , गंगा प्रसाद मिश्र सहित बैकुंठपुर के पत्रकार संम्वर्त कुमार रूप और दुष्यंत कुमार रूप सहित अलग-अलग अंचलों से आए हुए साहित्यकारों एवं विद्वान साथियों को इस राष्ट्रीय कार्यक्रम में सहभागिता के लिए बधाई दी. आयोजन के उद्देश्य पर चर्चा करते हुए उन्होने कहा कि इस माध्यम से अंचल के रचनाकारों को देश के विद्वान साहित्यकारों तक जोड़ने की यह कोशिश आज सफलता की ओर बढ रही है. मनेंद्रगढ़ में साहित्य के इस राष्ट्रीय आयोजन की शुरुआत के साथ राष्ट्रीय आयोजनों के लिए मनेंद्रगढ़ को अब देशभर के लोग याद कर सकेंगे

सम्मान समारोह के द्वितीय सत्र में भरतपुर विधायक गुलाब कमरों , मनेंद्रगढ़ विधायक डॉक्टर विनय जयसवाल डीपीएस स्कूल के निदेशक वेंकटेश सिंह एवं आईसेक्ट एजुकेशन सेंटर मनेन्द्रगढ़ के निदेशक संजीव सिंह के साथ संबोधन संस्था की संरक्षक श्रीमती इंदिरा सेंगर की उपस्थिति में द्वितीय सत्र प्रारंभ हुआ. अतिथियों के सम्मान के पश्चात सर्वप्रथम बैकुंठपुर के दैनिक समाचार पत्र “सम्यक क्रांति” द्वारा राष्ट्रीय सूत्र सम्मान को प्रोत्साहित करते हुए जारी विशेष परिशिष्ट का लोकार्पण गुलाब कमरों द्वारा सम्यक क्रांति के संपादक दुष्यंत कुमार रूप एवं सूरजपुर संस्करण के संपादक संम्वर्त कुमार रूप की उपस्थिति में किया गया.स्मरणीय है कि इस पत्र के संस्थापक रूद्र प्रसाद रूप संबोधन संस्था के संस्थापक सदस्य रह चुके हैं उनका नाम इस संस्था के सूत्रधार के रूप में लिपिबद्ध है .

राष्ट्रीय सूत्र सम्मान समारोह के अवसर पर  गुलाब कमरों ने संस्था के इस कार्यक्रम को मनेंद्रगढ़ की उपलब्धि निरूपित करते हुए कहा की संबोधन जैसी संस्थाएं इस नगर को राष्ट्रीय आयोजनों से जोड़कर मनेंद्रगढ़ को गौरव प्रदान कर रही है .मैं सूत्र सम्मान के इस राष्ट्रीय आयोजन के अवसर पर देश भर के अलग-अलग हिस्सों से आए साहित्यकारों एवं एवं विद्वानों को शुभकामनाएं देते हुए पुनः ऐसे आयोजनों को आमंत्रित करना चाहता हूं जो साहित्य के क्षेत्र में नगर को नई ऊंचाइयां दे सकें .


राष्ट्रीय सूत्र सम्मान समारोह के अवसर पर विधायक डॉ विनय जायसवाल ने अपने उद्बोधन में कहा कि साहित्य तत्कालीन समय के समाज का एक आईना होता है. समय विशेष की जानकारी साहित्य में ही प्रतिबिंबित होती है. साहित्य वास्तविक अर्थों में देश की दशा और दिशा तय करता है .


विधायक के द्वारा अलग-अलग प्रांतों से आए साहित्यकारों एवं आंचलिक साहित्यकारों को साल एवं सम्मान पत्र के द्वारा सम्मानित किया गया। संस्था उपाध्यक्ष हारून मेमन द्वारा माननीय विधायकों की उपस्थिति के लिए संस्था की ओर से आभार व्यक्त किया गया एवं संस्था सदस्यों के उपस्थिति में उन्हें इस अवसर को स्मरणीय बनाने के लिए स्मृति चिन्ह भेंट किया गया. इस अवसर पर आयोजित काव्य संध्या का अलग-अलग सत्रों में संचालन करते हुए श्रीमती अनामिका चक्रवर्ती, अनिल जैन एवं गौरव अग्रवाल के संचालन में देशभर से आए वरिष्ठ साहित्यकारों के साथ-साथ आंचलिक उपस्थित रचनाकारों के द्वारा काव्य संध्या में अपने गीतों एवं कविताओं की प्रस्तुति दी गई जिसे नागरिकों एवं उपस्थित साहित्यकारों द्वारा सराहा गया. इस कार्यक्रम को ऊंचाइयों तक पहुंचाने में कार्यक्रम संयोजक निरंजन मित्तल, उपाध्यक्ष हारून मेमन, अनिल जैन, नरेंद्र श्रीवास्तव ,राजकुमार पांडे, सरदार हर महेंद्र सिंह, अरविंद श्रीवास्तव, पुष्कर तिवारी, श्यामसुंदर निगम ,डॉ निशांत श्रीवास्तव, के सहयोग ने कार्यक्रम को ऊंचाइयों प्रदान की.

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