राकेश मेघानी की कलम से

मनेन्द्रगढ़ – आज जो बच्चे है कल ये भविष्य के निर्माता है पढ़ लिखकर कलेक्टर ,वैज्ञानिक, डाक्टर, इंजीनियर, कवि, चित्रकार और बहुत कुछ बन सकते हैं  ये देश के नागरिक भी हैं इसलिए हमें बच्चों को शिक्षा के साथ संस्कृति और संस्कारों से सम्पन्न बनाना होगा


     चेतना महिला संगठन के द्वारा बाल दिवस का आयोजन अनूठे अंदाज में किया गया  जिसमें शासकीय और निजी विद्यालयों के बच्चों के साथ सब्जी विक्रेता , रिक्शा, ठेला, आटो चालक के बच्चों के साथ घर घर काम करने वाली महिलाओं के बच्चों को   शामिल किया गया जिन्होंने बहुत उत्साह से इस आयोजन में हिस्सा लिया
    इस आयोजन में गीत, नृत्य, जलेबी दौड़,मेढक दौड़, कुर्सी दौड़,आदि प्रतियोगिता आयोजित की गई जिसमें विजेताओं को पुरस्कार दिया गया चेतना महिला मंडल की अध्यक्ष ने  उद्बोधन देते हुए कहा कि आज बच्चे मोबाइल, टीवी के साथ इलेक्ट्रॉनिक गेजेट्स के आदी हो रहे हैं जिससे उनके खेलकूद और शारिरीक व्यायाम  से सम्बंधित गतिविधिया समाप्त होती जा रही है जिससे उनके जीवन मे उचित शारीरिक और मानसिक विकाश नही होगा जो जो स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक है हमें प्रयास करना होगा कि बच्चे खेल -कूद के साथ व्यायाम और अन्य प्रतियोगिता में भी हिस्सा लें ताकि उनका शारीरक विकास भी अच्छी तरह हो सके
     चेतना महिला संगठन ने हमेशा की तरह इस वर्ष भी अलग अंदाज में बाल दिवस का आयोजन किया  इस अवसर पर अनीता, अल्पना , तूलिका ,रानी ,कौशल्या ,वीरांगना श्रीवास्तव ,जया ,पूजा, उषा ,संजू प्रिया ,सुशीला, दुर्गा ,इरा सेन ,प्रतिमा राय ,लक्ष्मी चक्रवर्ती ,नीलम सोनी ,गुड़िया ,कमला ,रत्ना ,भावना प्रियंका ,स्मिता ,सीता ,धनमत ,भगवती नैना यादव, संगीता ,सुषमा ,मंजू सविता ,रमा ,संतोषी, संगीता उपस्थित रहीं

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