प्रकृति और प्रगति के बीच संतुलन की शपथ के साथ हिंदुस्तान पावर में संपन्न हुआ पर्यावरण सप्ताह

राकेश मेघानी की कलम से

जैतहरी- (अनूपपुर) “औद्योगीकरण के विस्तार के बीच पर्यावरण और प्रगति के बीच बेहतर संतुलन अनिवार्य है। कोई भी संवेदनशील और जवाबदेह उद्योग पर्यावरण को उच्च प्राथमिकता अवश्य देता है। हिंदुस्तान पावर ने परित्यक्त खदानों और गड्ढायुक्त भूखंडों का राखड़ से भराव और ट्रेन के जरिए इस अपशिष्ट को सीमेंट सयंत्रों तक पहुंचाने की अभिनव पहल कर पर्यावरण संरक्षण की दिशा में प्रेरक कार्य किया है।” हिंदुस्तान पावर परिसर में आयोजित पर्यावरण सप्ताह के समापन समारोह में म.प्र.प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड,शहडोल के क्षेत्रीय अधिकारी संजीव मेहरा ने यह कहा।
उन्होंने हिंदुस्तान पावर द्वारा फ्लाई ऐश का सौ फीसदी इस्तेमाल सुनिश्चित करने की दिशा में की गयी सफल पहल की भी सराहना की। पर्यावरण मानकों‌ के साथ विद्युत उत्पादन की महत्ता पर मंथन वाले इस समारोह का आयोजन 3 जून से 10 जून तक हुआ। इस मौके पर कंपनी के आपरेशन एंड मेनटेनेंस हेड अजित चोपडा ने कहा, “पर्यावरण से हमारा अस्तित्व जुड़ा है। सोडियम लाइट की जगह एलईडी लाइट को अपनाकर कंपनी ने ऊर्जा संरक्षण की दिशा में प्रेरक पहल की है।”
मानव संसाधन एवं प्रशासन विभाग के प्रमुख आरके खटाना ने औद्योगिक और घरेलू अपशिष्ट के वैज्ञानिक ढंग से निपटान के लिए कंपनी द्वारा की गयी पहल पर रोशनी डाली। पर्यावरण विभाग के प्रमुख डा.भोला प्रसाद कुशवाहा ने पर्यावरण संरक्षण के लिए कंपनी द्वारा उठाए गये कदमों पर गहन रोशनी डाली।
इस कार्यक्रम के दौरान पर्यावरण थीम पर केंद्रित आनलाइन क्विज,पेंटिंग, पोस्टर,स्लोगन लेखन और संभाषण प्रतियोगिताओं का आयोजन हुआ,जिनमें कंपनी कर्मियों,अनुबंधित कंपनियों के कर्मचारियों,कामगारों, कंपनी टाउनशिप की महिलाओं और बच्चों ने उत्साहित भागीदारी निभायी। समापन समारोह के दिन कंपनी प्रबंधन के वरिष्ठ सदस्यों द्वारा इन प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया। इस मौके पर कंपनी परिसर में बड़े पैमाने पर पौधारोपण भी हुआ।
संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूनेप) के मार्गदर्शन में आयोजित होने वाले इस वैश्विक कार्यक्रम का उद्देश्य है पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाना। इस साल विश्व पर्यावरण दिवस का थीम था ‘केवल एक धरती।”

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