मनेंद्रगढ़(कोरिया छ. ग)- छत्तीसगढ़ राज्य के अंतिम छोर पर स्थित पूर्व में कोरिया जिला वर्तमान नव निर्मित जिला एमसीबी जिले के केल्हारी क्षेत्र के मनवारी ग्राम पंचायत के रेत खदान डांड हसवाही में रेत खदान में जमकर अनियमितता पट्टेदार के द्वारा बरती जा रही है।
इनके और इनके गुर्गों के द्वारा नियमों के विरुद्ध जहां एक ओर रेत खदान की सीमा से बाहर जाकर रेत का अवैध उत्खनन जोरो पर किया जा रहा है वहीं दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ राज्य में प्रतिबंध होने के बावजूद बड़ी मशीनों के माध्यम से रेत का उत्खनन किया जा रहा है।
ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ रेत उत्खनन नीति में मशीन लगाकर नदी से रेत का उत्खनन नही किया जा सकता,राज्य में मशीन से रेत उत्खनन प्रतिबंधित है, फिर भी ठेकेदार और ठेकेदार के गुर्गों की मनमानी खुलेआम नदी का सीना छलनी करते हुए रेत का उत्खनन मशीन लगाकर रेत का उत्खनन किया जा रहा।
प्राप्त जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ राज्य के सीमावर्ती राज्य मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले के बिजुरी,निगवानी, कोठी,कोतमा क्षेत्रों में भी रेत की मांग बड़े पैमाने पर है, इसी मांग को पूरा करने के लिए केवई नदी के घाट सेमनवारी( डांडहसवाही)से बड़ी मात्रा में अवैध तरीके से रेत का उत्खनन पट्टेदार और उनके लोगों के द्वारा किया जा रहा है , मसलन छत्तीसगढ़ से रेत सिर्फ इस बात के लिए उत्खनन किया जा रहा कि उसको ऊंचे दामों पर मध्यप्रदेश में बेचा जा सके, इतना ही नहीं रेत उत्खनन खनन करते हुए इन माफियाओं के द्वारा खनिज विभाग एवं एनजीटी के गाइडलाइन के विरुद्ध जाकर रेत का उत्खनन बड़े पैमाने पर अधिकारियों के नाक के नीचे किया जा रहा है।
जिला प्रशासन,माइनिंग विभाग का इस ओर कोई ध्यान नही अब सवाल यह उठता है कि क्या रेत माफियाओं को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है और यदि इन रेत माफियाओं को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है तो विपक्ष की भूमिका निभाने वाली राजनीतिक दल किस वक्त का इंतजार कर रही है,क्या उनका यह दायित्व नहीं बनता है कि बहती जल की धारा को रोककर मशीन लगाकर अवैध तरीके से रेत का उत्खनन करने,नदी का सीना छलनी करने,पर्यावरण को क्षति पहुँचाने, ग्रामीणों को असुविधा पहुचाने वालों,जानवरों को नदी से दूर करने वाले इन माफियाओं के खिलाफ आवाज उठाएं और अपने क्षेत्र की जनता के दुख दर्द का साथी बनें।
सवाल यह भी उठता है कि रेत का क्या यह इतना बड़ा खेल है बिना शासन प्रशासन और सत्ता को मैनेज करके यह उत्खनन किया जा सकता इसका मतलब साफ है कि रेत के दम पर छत्तीसगढ़ प्रदेश में बहुत बड़ा खेल हो रहा है,और शासन प्रसाशन भी अपनी चाल पर ही चल रहा है,इसका नमूना कोरिया जिले में भी देखने को मिल रहा है कि किस तरीके से नदी की छाती को चीरते हुए, बड़ी मशीनों के माध्यम से रेत का अवैध उत्खनन स्वीकृत सीमा से बाहर जाकर किया जा रहा है।
एक बड़ा सवाल यह भी है कि रेत माफियाओं के हौसले राजनीतिक पकड़ की वजह से काफी बुलंदियों पर हैं यही वजह है कि रेत माफिया अपने आप को गुंडागर्दी की तर्ज पर रखकर ग्रामीणों के लाख विरोध के बाद भी रेत का अवैध उत्खनन और परिवहन कर रहें हैं,अब देखना यह है कि शासन प्रशासन क्या रेत माफियाओं पर अंकुश लगा पाएगा? इनकी नाक में नकेल डाल पाएगा ? यह भी एक बड़ा यक्ष प्रश्न है।

Spread the love