जिला बाल संरक्षण इकाई के द्वारा बाल विवाह रोकने में पायी गई सफलता

कोरिया कलेक्टर कुलदीप शर्मा के मार्गदर्शन तथा जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग अभिलाषा बेहार के नेतृत्व मे जिला बाल संरक्षण इकाई की टीम के द्वारा दो बाल विवाह के प्रकरण को संज्ञान में लेकर, मौके में पहुच कर विवाह होने से रोके जाने में सफलता प्राप्त की है। जानकारी प्राप्त होते ही ग्राम छोटे कलुआ, कटकोना नेवारी बहरा क्षेत्र के अंतर्गत दिनांक 14 अप्रैल एवं 19 अप्रैल को आयोजित स्थल में औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान बालिका की निर्धारित आयु 18 वर्ष से कम होने के कारण दोनो पक्षो से निवेदन करने पर विवाह को रोका जाना संभव हो सका। इस मौके पर जिला बाल संरक्षण अधिकारी श्री आशीष गुप्ता एवं जिला संरक्षण इकाई के कर्मचारी पर्यवेक्षक उपस्थित थे। जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा उक्त विवाह को रोके जाने मे सफलता प्राप्त की है। जिला बाल संरक्षण समिति की टीम के द्वारा सजगता एवं सुझबूझ से समझाइश देकर बाल विवाह पर रोकथाम लगाया गया।
महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि बाल विवाह केवल एक सामाजिक बुराई ही नहीं अपितु कानूनन अपराध भी है बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अंतर्गत बाल विवाह करने वाले वर एवं वधु के माता-पिता सगे संबंधी बराती एवं विवाह कराने वाले पुरोहित पर भी कानूनी कार्यवाही की जा सकती है। इसके अतिरिक्त यदि वर या कन्या बाल विवाह पश्चात् विवाह को स्वीकार नही करते है तो बालिग होने के पश्चात् विवाह को शून्य घोषित करने हेतु आवेदन कर सकते है। बाल विवाह के कारण बच्चों में कुपोषण, शिशु-मृत्यु दर एवं मातृ-मृत्यु दर के साथ घरेलू हिंसा में भी वृद्धि होती है। अतः हम सभी का दायित्व है कि समाज में व्याप्त इस बुराई के पूर्णतः उन्मूलन हेतु जनप्रतिनिधियों, नगरीय निकाय तथा पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों, स्वयं सेवी संगठनों एवं आमजनों से सहयोग प्राप्त कर इस प्रथा के उन्मूलन हेतु कारगर कार्यवाही किया जाए इस हेतु कलेक्टर श्री शर्मा द्वारा समस्त विभाग प्रमुखो को पत्र जारी कर निर्देश दिया गया है। जिले को बाल विवाह से मुक्त करने हेतु लगातार अभियान चलाया जा रहा है।

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