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ऑल इंडिया फिशरमेंन कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री संतोष मांझी ने कहा कि केंद्र सरकार लगातार बढ़ते तेल, गैस के दाम और खुदरा महँगाई से आम जनता बुरी तरह त्रस्त हो रही है और केंद्र की सरकार अपने किये गए वादों के मुताबिक इसे कम कर पाने में लगातार विफल साबित हो रही है।
यदि हम कुछ वर्ष पहले की बात करे तो 2018 में भारत की खुदरा महँगाई दर 3.43% थी जो कि 2020 में बढ़कर 6.18% हो गयी।
कोरोना के समय हुई दिक्कतों के चलते 2 वर्षो में उत्पादों के दाम बेतहाशा बढ़े, जिसे देश की जनता ने सहा। परन्तु अब जब स्थित सामान्य हो गयी है तो भी परिस्थितिजन्य कारणों के चलते बढ़े हुए दामो को वापस कम कर पाने में केंद्र की सरकार लगातार विफल हो रही है जिससे सरकार की मंशा पर सवाल उठता है।
कोविड के पहले जहाँ खाद्य तेल 80 से 95 रुपये लीटर हुआ करता था वो आज 170 से 185 रुपये लीटर बिक रहा है। दाल 60 से 70 रुपये किलो थी वो आज 90 – 95 रुपये किलो बिक रही है। अन्य आवश्यक वस्तुओं के दामो में भी 30 से लेकर 100% तक कि वृद्धि हुई है। जिससे जनता की जेब में भरपूर मार पड़ रही है।
आज एक तरफ केंद्र की सरकार रूस और अरब के देशों से कच्चा तेल सस्ते में खरीदने का ढिंढोरा पीट रही है तो दूसरी तरफ इसका लाभ देश की जनता को नही मिल रहा उलटे देश मे पेट्रोलियम पदार्थों और गैस के दामो में लगातार वृद्धि हो रही है।
कुछ वर्षों पहले जहाँ औसतन 25 से 30 हज़ार कमाने वाला व्यक्ति अपने परिवार का भरण पोषण करने के बाद भी कुछ रकम भविष्य के लिये सुरक्षित कर लेता था आज वह पैसे बचाने में असमर्थ हो गया है उलटे वह कर्ज़ की स्थिति में आ जाता है।
रोज कमाने खाने वालों पर तो इस महँगाई की और भी बुरी मार पड़ रही है।
इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर केंद्र की सरकार लगातार विफल साबित हो रही है। केंद्र सरकार को चाहिए कि वो इन बढ़े दामो को वापस ले या अपनी असफलता स्वीकार करे।